जब IIT के यारों ने चला दी इंजीनियर वाली खोपड़ी, सरपट दौड़ ₹4,998 करोड़ की हुई कंपनी, क्‍या था आइडिया?

नई दिल्‍ली: सफलता की यह कहानी है आईआईटी दिल्‍ली से निकले दोस्‍तों की। इन्‍होंने दिखाया है कि खुद पर भरोसा हो और आइडिया बढ़‍िया हो तो सफलता मिलने में देर नहीं लगती। इन दोस्‍तों ने मिलकर शैडोफैक्‍स नाम के वेंचर की शुरुआत की। इसकी नींव 2015 में अभि

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नई दिल्‍ली: सफलता की यह कहानी है आईआईटी दिल्‍ली से निकले दोस्‍तों की। इन्‍होंने दिखाया है कि खुद पर भरोसा हो और आइडिया बढ़‍िया हो तो सफलता मिलने में देर नहीं लगती। इन दोस्‍तों ने मिलकर शैडोफैक्‍स नाम के वेंचर की शुरुआत की। इसकी नींव 2015 में अभिषेक बंसल और वैभव खंडेलवाल ने रखी थी। बाद में आईआईटी दिल्ली के ही पूर्व छात्र रहे गौरव जैथलिया और प्रहर्ष चंद्र भी संस्थापक टीम में शामिल हो गए। यह वेंचर आज करोड़ों का बन चुका है। आइए, यहां इन दोस्‍तों की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।

IIT दिल्‍ली से निकले हैं सभी फाउंडर?

IIT दिल्‍ली से निकले हैं सभी फाउंडर?

सह-संस्थापक और सीईओ अभिषेक बंसल ने आईआईटी दिल्ली से प्रोडक्‍शन और इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। वैभव खंडेलवाल कंपनी के को-फाउंडर होने के साथ सीटीओ हैं। उन्‍होंने आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्‍युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। दोनों ने मिलकर साल 2015 में शैडोफैक्‍स की बुनियाद रखी। यह एंड-टू-एंड लॉजिस्टिक्‍स प्रोवाइडर है। बाद में आईआईटी दिल्‍ली के ही गौरव जैथलिया और प्रहर्ष चंद्र भी फाउंडर टीम में शामिल हो गए। इन लोगों ने मिलकर कंपनी को सरपट दौड़ाया।

क्‍या करती है कंपनी?

क्‍या करती है कंपनी?

शैडोफैक्स ऑन-डिमांड हाइपरलोकल डिलीवरी प्लेटफॉर्म के रूप में काम करती है। यह अलग-अलग उद्योगों के लिए टेक-इनेबल्‍ड वन-स्टॉप डिलीवरी सेवाएं मुहैया कराती है। इनमें ई-कॉमर्स, रेस्तरां, एफएमसीजी, फार्मेसी कंपनियों के साथ ऑनलाइन-ऑफलाइन खुदरा विक्रेता शामिल हैं। कंपनी कुशल लॉजिस्टिक्स और विश्वसनीय डिलीवरी नेटवर्क तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का लाभ उठाती है।

अपनी इंडस्‍ट्री की बड़ी प्‍लेयर

अपनी इंडस्‍ट्री की बड़ी प्‍लेयर

शैडोफैक्स ने खुद को इस इंडस्‍ट्री में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। टेक्‍नोलॉजी का लाभ उठाने, ऑर्डर पर नजर रखने, डिलीवरी डेटा का विश्लेषण और कंज्‍यूमर इनसाइट प्राप्‍त करने पर कंपनी का लगातार फोकस रहा है। इन चीजों ने उसे भारतीय बाजार में मजबूत पकड़ बनाने में मदद की है। अपने विस्तार के लिए शैडोफैक्स ने नौ दौर में कुल $21 करोड़ की फंडिंग जुटाई है। सबसे हालिया फंडिंग राउंड 'सीरीज ई' में कंपनी को 10 करोड़ डॉलर मिले। इसमें टीपीजी प्रमुख निवेशक थी।

4,998 करोड़ का वैल्‍यूएशन

4,998 करोड़ का वैल्‍यूएशन

शैडोफैक्स का 30 लाख का वेरिफाइड राइडर नेटवर्क है। इसके 1.5 लाख से ज्‍यादा मासिक लेनदेन वाले डिलीवरी पार्टनर हैं। कंपनी प्रतिदिन 15 लाख से ज्‍यादा ऑर्डर डिलीवर करती है। यह 2500 से ज्‍यादा शहरों में ग्राहकों को सेवा देती है। शैडोफैक्स ने वित्त वर्ष 2021-22 में 997.3 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2022-23 में 1,423 करोड़ रुपये का परिचालन राजस्व दर्ज किया। इसके पास भविष्य के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। कंपनी का लक्ष्य अगले 24 महीनों के भीतर भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होना है। फर्म का मूल्य लगभग 60 करोड़ डॉलर (करीब 4,998 करोड़ रुपये) है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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